पहले सफ़ेद शय में समोया गया मुझे

पहले सफ़ेद शय में समोया गया मुझे

फ़िर उसके बाद ख़ाक में बोया गया मुझे


रक्खा है नाम क़त्ल का क़ातिल ने ख़ुदकुशी

डूबा नहीं हूँ दोस्त डुबोया गया मुझे


यानी मैं था जला हुआ दामन यतीम का

अश्क़ों से मुस्तक़िल यूँ भिगोया गया मुझे


दुनिया को जानना था हुआ कौन सुर्ख़रु

नोके सिनाँ में यूँ भी पिरोया गया मुझे


ज़िन्दा रहा तो एक सहारा नहीं मिला

और बाद-ए-मौत काँधों पा ढोया गया मुझे


ता-उम्र आप करते रहे मेरी जुस्तुजू

अब पा लिया गया था कि खोया गया मुझे


मैं था "अमान" वक़्त की मानिंद और मैं

जब हाथ से निकल गया रोया गया मुझे 

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