यूँ परेशान है अदू मेरा

यूँ परेशान है अदू मेरा

सर न झुक पाएगा कभू मेरा


ये गुमाँ है मेरे रक़ीबों को

इश्क़ होगा न सुर्खरू मेरा


है यक़ी मुझको बाद मरने के

तज़किरा होगा चार-सू मेरा


मैं इसी बात पे तो फ़ाकिर हूँ

शहर तेरा है और तू मेरा


जाने दिल तुमको छेड़ने के लिये

नाम लेते हैं क्यों सभू मेरा


याद बनती गयी तेरी खंजर

क़ल्ब बनता गया गुलू मेरा


आज क्योंकर ग़ज़ल लिखे न "अमान"

इश्क़ है मेरे रूबरू मेरा 

___


Next >

< Previous

Comments

Popular Posts